साँसे सूख रही हैं ज़रा सी..पकड़ छूट रही है ज़रा सी..
ज़रा सी आँख धुंधला रही है..ज़रा सी नींद आ रही है..
होश खो रहा हूँ…..
बेहोश नही मदहोश हो रहा हूँ..
मुर्दा मत समझ लेना ..
कुछ पल को ज़रा सा खामोश हो रहा हूँ…
देखा पानी लगी प्यास... ऐसा ही है मेरा ब्लॉग की दुनिया में आना। देखा-देखी। दूर-दूर तक कोई इरादा नहीं था, पर अब जब सभी लोग कर रहे हैं तो सोचा हाथ आज़माया जाए। पर इतना तय है कि अब आ गया हूं तो कुछ अच्छा करके ही जाऊंगा।
umdaaaa....achhiiiii.......yash...
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