इतनी भीड़ इतने लोग इतने चेहरे इतने चरित्र
भगवान के पास मिट्टी है अनंत..
पर ओवरटाइम करना पड़ रहा है उसको भी
दिन रात काम में जुट के भी सप्लाई पूरी करना हो रहा है मुश्किल..
डिमांड बढ़ती ही जा रही है..
सबसे ज़्यादा आर्डर इंडिया से आते हैं..
क्वांटिटी के चक्कर में क्वालिटी गिर रही है..
औसत दर्जे के भारतीय बनाने के अलावा उसके पास कोई चारा नहीं..
अव्वल दर्जे के लिए लगता है धैर्य और समय
पर ना नीचे समय है लोगों के पास..
ना ऊपर उसके पास..
कई बार तो किसी विशेष तिथि को अचानक ओवरलोड हो जाता है कारखाना..
11.11.11 या 12.12.12 जैसी तिथियों पे पैदा होने के लिए नीचे मचती है होड़..
तमाम कुदरती गैर-कुदरती तरीकों से लाये जाते हैं नवजात दुनिया में..
उस दिन ऊपर पानी पीने की फुर्सत भी नहीं मिलती उसको..
उन दिनों में शायद वो हायर करता है थोड़े कम अनुभवी देवता..
जो जैसे तैसे गढ़ कर भेज देते हैं पुतले..
अबे इंसानों..
इतना ज़्यादा काम लोगे बेचारे से तो एक दिन सब्र का प्याला छलक जाएगा उसका..
उस दिन वो उठा के बहा देगा सारी मिट्टी..
तोड़ने लगेगा अपने बनाए मिट्टी के पुतले..
एक अफवाह भी गरम है कि दुनिया खत्म होने वाली है..
मैं डरा नहीं रहा,चेता रहा हूँ
सोच लो..
सत्य लिख दिया ...
ReplyDeletehaan..agar satya pahuncha aap tak..
DeleteVery nice..... bahut badhiaa...!!!!!
ReplyDeleteshukriya bro..
Deleteसही है ...सोचो-सोचो ...
ReplyDeletehaan..socho socho..par sochne ke baad kuchh karo bhi...
Deleteexcellent..........
ReplyDeleteबल्कि मुझे तो लगता है की मिटटी बहा ही डाली है उसने...तभी तो शरीर तो ढल गया जैसे तैसे मगर आत्मा का सांचा खाली है...
hmmmmmm..vichaar pe vichaar..
Deleteकई बार तो किसी विशेष तिथि को अचानक ओवरलोड हो जाता है कारखाना..
ReplyDelete11.11.11 या 12.12.12 जैसी तिथियों पे पैदा होने के लिए नीचे मचती है होड़... :)
:)
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