February 17, 2012

यात्रा पात्र - अश्वनी

पिछली 6 फरवरी से 15 तक एक यात्रा में था..
इन 10 दिनों में खूब पैदल चला..
घूमने लायक जगहों पे घूमा..
लगभग हर रोज़ सुबह जल्दी उठा..
शाम थक के मालिशें करवाई..
तरह तरह की बीअरें पी..
झींगा,केकड़ा,बड़ी छोटी मछलियाँ
और तरह तरह के मांसाहारी शाकाहारी खाने खाए..
स्वादिष्ट अनोखे फल खाए..
बकरी का बोतलबंद दूध भी पीने मिला..
कभी तीखी मिर्ची से जीभ जलाई
कभी फल मिश्रित आइसक्रीम से ठंडक पाई..
सब था पास..
पर तीसरे चौथे दिन से ही घर की दाल रोटी बेतरह याद आने लगी..
मैं थाईलैंड में था.. 

3 comments:

  1. हे प्रभु....
    और पिछली पोस्ट पढ़ने के बाद हमे लगा आप कहीं किसी अँधेरे कोने में..दुखी से बैठे होंगे..
    :-)

    शुभकामनाएँ...

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  2. hahaha..Vidya ji..udaasi saari jhatak aaya thailand mein..ab kai din prassan rahoonga..

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