April 21, 2012

रूठा रूठी - अश्वनी

उसे सही से रूठना नहीं आता
पर मुझे आता है मनाना सही से
वो अक्सर रूठती है
बिना किसी विशेष कारण के
या फिर मेरे मनाने के लिए

मैं बहुत दिन से नहीं रूठा
मनाने में ही लगा रहता हूँ
मैं रूठना भूल गया हूँ

या शायद
वो कोई वजह ही नहीं देती मुझे रूठने की

8 comments:

  1. शायद वो लिखती होगी रोज................बिना नागा किये.........

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  2. तुम्हारी कौन सा हर बात हमारे समझ आती है!!!!!
    :-)

    वैसे हम ये कह रहे थे कि वो तुम्हें रूठने की वजह नहीं देती....शायद वो लिखती होगी रोज........तुम्हें........
    -तुमने कहा ना... वो रूठती है तुमसे क्युकि तुम कविता से रोज मिलते नहीं :-)

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  3. waa! kya baat hai...

    kunwar ji

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  4. वाह ...बहुत खूब।

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