April 30, 2012

दिल -अश्वनी

रात दिन दस्तक दिल के दरवाज़े 
बंद कपाट खुले
दिल का आमंतरण दिल को दिल से
दिल मेज़बान दिल मेहमान 
दिल से परोसा दिल 
दिल से लगाया दिल 
दिल में शामिल दिल
दिल में समाया दिल 
रात दिन दिल ही दिल
बात मुलाकात दिल ही दिल 
दिल खिला रहे
दिल मिला रहे

दिल को समझे दिल
दिल की सुने दिल 
दिल,दिल से ना हो खाली
दिल में दिल बना रहे   

1 comment:

  1. इन सबमें कहीं धडकना ना भूल जाये दिल!!!!!

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