April 28, 2012
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देखा पानी लगी प्यास... ऐसा ही है मेरा ब्लॉग की दुनिया में आना। देखा-देखी। दूर-दूर तक कोई इरादा नहीं था, पर अब जब सभी लोग कर रहे हैं तो सोचा हाथ आज़माया जाए। पर इतना तय है कि अब आ गया हूं तो कुछ अच्छा करके ही जाऊंगा।
वाकई.................
ReplyDeleteकब्र तक पीछा नहीं छोड़ते......
(और ज़्यादातर वैसे ही होते हैं....जाने क्यूँ?)
aap to aaj tak se bhi tez hain..
ReplyDeleteबहुत अच्छे...!!!!
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