April 28, 2012

अच्छा दिन - अश्वनी

अच्छा दिन था
24 घंटे में ही पूरा हो गया
कुछ ढीठ दिन 
बरसों ख़तम नहीं होते

3 comments:

  1. वाकई.................
    कब्र तक पीछा नहीं छोड़ते......
    (और ज़्यादातर वैसे ही होते हैं....जाने क्यूँ?)

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  2. aap to aaj tak se bhi tez hain..

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  3. बहुत अच्छे...!!!!

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