तुम
तुम हो
जैसे तुम हँसती हो
वैसे हँसने को तुम्हारा सा दिल चाहिए
मासूम और सुंदर
तुम
तुम हो
जैसे तुम देखती हो
वैसे देखने को तुम्हारी सी नज़र चाहिए
प्यारी और शरारती
तुम में इतनी खूबियाँ हैं
मुझमें कोई खूबी नहीं
मैं केवल कविता कहता हूँ
केवल तुम पे कविता कहता हूँ
पर तुम मानती हो इसे मेरी सबसे बड़ी खूबी
मुझे देती हो बच्चों सी हँसी
और देखती हो उस नज़र से
जिस नज़र से मुझे किसी ने नहीं देखा आज तक
तुम प्रेम भीगी हँसी लुटाती रहो
मैं प्यार लिपटे शब्द लुटाता रहूँगा
वादा !!!
नोट- साहिर लुधियानवी के गीत "तुम अगर साथ देने का वादा करो..मैं यूँही मस्त नगमें लुटाता रहूँ" वाले भाव से प्रेरित..
तुम हो
जैसे तुम हँसती हो
वैसे हँसने को तुम्हारा सा दिल चाहिए
मासूम और सुंदर
तुम
तुम हो
जैसे तुम देखती हो
वैसे देखने को तुम्हारी सी नज़र चाहिए
प्यारी और शरारती
तुम में इतनी खूबियाँ हैं
मुझमें कोई खूबी नहीं
मैं केवल कविता कहता हूँ
केवल तुम पे कविता कहता हूँ
पर तुम मानती हो इसे मेरी सबसे बड़ी खूबी
मुझे देती हो बच्चों सी हँसी
और देखती हो उस नज़र से
जिस नज़र से मुझे किसी ने नहीं देखा आज तक
तुम प्रेम भीगी हँसी लुटाती रहो
मैं प्यार लिपटे शब्द लुटाता रहूँगा
वादा !!!
नोट- साहिर लुधियानवी के गीत "तुम अगर साथ देने का वादा करो..मैं यूँही मस्त नगमें लुटाता रहूँ" वाले भाव से प्रेरित..
वादा तेरा वादा......
ReplyDeleteकविता कहते रहिये..वो हँसती रहेगी..
तुम प्यार लिपटे शब्द लुटाते रहो
ReplyDeleteमैं प्रेम भीगी हँसी लुटाती रहूंगी
वादा!!!