March 1, 2010

चंद चिन्दियाँ-अश्वनी

आज फिर कुछ लिखने का मन है...
आज फिर दिल से अपने बातें कि जायेंगी...
आज फिर कोई नई बात लगेगी पता....
आज फिर मुझे देर से नींद आएगी।


आज सपने देखे जायेंगे कुछ हसीं
आज साथ चंदा सूरज खिलेंगे कहीं
आज बिन मौसम बारिश भी होगी
आज मस्त मोर,बस्ती में नाचेगा कहीं

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