March 5, 2010

जिद्दी जिद्दी-अश्वनी

मेले लगे हैं...
मगर आज हम फिर से अकेले चलें हैं...
भीड़ से हटके चलने कि आदत पुरानी है...
अब इस आदत को जिद में बदलने चलें हैं

1 comment:

  1. kamaal creative...khayaal...par bahut kathin hai dagar panghat ki..bhai...yash...

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