June 2, 2010

हालाते हाज़रा-अश्वनी

नींद बहुत आती है...
नींद नहीं आती है....
बात होंठों पे आती है...
बात दिल में रह जाती है...
समझ जाता हूं हर बात कभी....
कभी समझ ही नहीं आती है.....
याद, प्यास, तड़प, जुदाई, प्यार
ये सब सिर्फ शब्द हैं कभी.....
कभी-कभार शब्दों के भीतर बसी रूह नज़र आती है..

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