May 31, 2009

माधवी मेरी मीरा मेरी-अश्वनी

किसी एक तारीख के इंतज़ार में रोज़ रोज़ तारीखें देखना भी एक अजीब सा सुख देता है॥
हर गुज़रती तारीख के साथ मेरा इंतज़ार कम होने की बजाए बढ़ रहा है।
इतनी आकुल व्याकुल अव्यवस्थित चंचल बेचैन दशा मन की कभी ना थी
बहुत इंतज़ार के बाद यह इंतज़ार के दिन आए
साल भर के सारे मौसम देख लेता हूँ कुछ पल में अगर चाहूँ तो आजकल
कोई एक इंसान कैसे आपके रात दिन सुबह शाम गर्मी सर्दी प्रभावित करने लगता है
यह देखना महसूस करना कोतुहल का विषय है मेरे लिए
मैं ज्यादातर आश्चर्यचकित ही रहता हूँ आजकल
मेरे जीवन में इन्दरधनुष लाने वाली ,मेरी सोच को हर्षाने वाली वो
माधवी
मेरी पत्नी बनेगी २६ जून को
और मैं उसका पति
वाह ज़िन्दगी ........

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