May 19, 2009

उसका नाम-अश्वनी

मेरे भीतर एक समंदर है जो लहर लहर स्पंदित होता है तेरी हर छुअन से ,
तेरी छुअन के निशान दिखाई देते हैं दिल की हर परत पे
दिल के भीतर की सबसे भीतरी परत में एक मोती है
मेरा दिल एक सीप है
धीरे से सीप खोल वो मोती मैंने मुँह में रख लिया
कुछ पल को लगा चाँदनी घुल गई मेरे मुख में

यह अहसास जो चल के आया है तेरे पास से मेरी ओर
अनोखा है
हर शब्द में तेरा अक्स छुपा है मेरे
शब्द एक नवेली दुल्हन से किलकिल करते हैं घूंघट के तले
गर्म साँसों से मेरी घूंघट तेरा हिल रहा है थोड़ा थोड़ा
कुछ शब्द चहक चहक फिसले इधर उधर घूंघट से
मैंने एक एक शब्द उठा के अपनी आँखों से रखा अपने होंठो पे
मेरे होंठों पे एक नाम उतर आया
माधवी......

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