November 19, 2009

यूँही ही-अश्वनी

इतने लोग ...
इतनी बातें...
इतनी जिंदगानियां॥
इतनी सोचें...
इतने किस्से...
इतनी कहानियाँ॥
जितने लोग
उतनी बातें
उतनी सोचें
उतने ही किस्से
उतनी कहानियाँ
चल ढूंढे आज कहीं थोड़ी जिन्दगानियां भी॥

2 comments: